पेड़ “यही कि हमें मत काटो, हमें काटकर अपने पैरों पर क्यों कुल्हाड़ी मारते हो?” पेड़ “यही कि हमें मत काटो, हमें काटकर अपने पैरों पर क्यों कुल्हाड़ी मारते हो?”
पत्ते भी निखर रहे हैं शुद्ध हवा के साथ। पत्ते भी निखर रहे हैं शुद्ध हवा के साथ।
नजाने में बच्ची पर मैं ज़्यादती कर रही थी। नजाने में बच्ची पर मैं ज़्यादती कर रही थी।
तुलसी निःसंतान है, प्रकृति ही उनका परिवार है और पेड़ पौधे उनके बच्चे है। तुलसी निःसंतान है, प्रकृति ही उनका परिवार है और पेड़ पौधे उनके बच्चे है।
फिल्म निर्माता बीजू टोप्पो ने सोमेन उरांव की जीवन यात्रा पर 28 मिनट की फिल्म 'झरिया' का फिल्म निर्माता बीजू टोप्पो ने सोमेन उरांव की जीवन यात्रा पर 28 मिनट की फिल्म 'झर...
लेखिका: इरीना पिववारवा अनुवाद: आ. चारुमति रामदास लेखिका: इरीना पिववारवा अनुवाद: आ. चारुमति रामदास